Army officials are an inspiration for many. There have been plays written on them, movies produced and stories scripted which speak about their heroic deeds. Aishwarya Chouhan, a Saksham Sanchar Foundation student writes this poem:
याद बहुत आती है
वो पहली नजर बहुत याद आती है,
आंखें जब तेरी मेरी आंखों से लड़ जाती है।
कह ना पाती मैं अब कुछ,याद बस रह जाती है,
देखकर तुझको, बस रूह मेरी थम जाती हैं।
यूं तो देख कर तुझ काे आंख मेरी भर आती है पर रुक जाती हूं, देख कर उस मां को जो चोट बहुत खाती है।
सवांरकर खुद को आईने में जवानी मेरी इतराती है, पर देखकर तस्वीर तेरी कमबख्त वाे भी शर्मा जाती है।
नहीं है दुख मुझे, कुर्बानी आखिर मां को दी जाती है। देखकर इस गर्भ को ममता मेरी भर आती है।
जो इस दिल को छू जाती है, धीरे से कानों में वीरों की गाथा कोई सुना जाती है।
कभी सर्दी तेज तो तपती दुपहरी को देखकर चिंता मुझे सताती है, देखकर मां के दिल का हाल आंख मेरी फिर भर आती है ,जो कहती है रह लूंगी लाल बिना दिल को खुद के बहलाती है।
एक बहादुर वीर की शौर्य गाथा यह कहलाती है।
अमर हो गए उस सिपाही को आखिरी सलामी कोई दे जाती है।
हजारों गाथाओं में यह भी अब भुला दी जाती है,पर उसे तो आज भी तेरी बहुत याद आती है,
तेरी बहुत याद आती है।।